राजस्थान: एक परिचय ( Introduction of Rajasthan history)
Rajasthan वीरता , शौर्य, साहित्य ,कला और संस्कृति का एक मात्र स्थल हे। "राजस्थान" हमारे ऐतिहासिक भारत का "क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। ( मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग हो जाने के बाद)
यह देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है। इसे अलग अलग समय पर अलग अलग नाम से जाना गया है। महर्षि वाल्मीकि ने इसके भू-भाग के अनुसार "मरुकान्तर "नाम दिया। बाद में इस शब्द उल्लेख "मुहणोत नैणसी री ख्यात ", राजरूपक जैसे ग्रंथो में किया गया।
सन 1800 में जॉर्जथामस द्वारा "राजपुताना" शब्द का उल्लेख किया। बाद में 1829 लंदन में कर्नल जेम्स टॉड के प्रकाशन में "राजस्थान" नाम का सर्वप्रथम उपयोग किया गया। इसका मुख्य कारण यहां की भूमि राजा ,राजवाड़ा, राजपूत के शासकों के नियंत्रण में थी। कर्नल जेम्स टॉड द्वारा प्रकाशित ( Annals and antiquities of Rajas'than ), इसका अन्य नाम ( Central and Western Rajpoot State of India) से है।
स्वतंत्रता के पश्चात राज्य की पुनर्गठन की प्रकिया शुरुआत हुई तथा 26 जनवरी19950 को "राजस्थान" नाम स्वीकार किया गया। स्वतंत्रता के समय राजस्थान में 19 देशी रियासत, 3 ठिकाने थे।
राजस्थान के मध्य भाग से निकलने वाली "अरावली पर्वतमाला" को इसकी" रीड़ की हड्डी " भी कहा जाता है तथा यह राजस्थान की जलवायु को 2 भागो में बाटती हैं। अरावली पर्वतमाला अनेक प्रकार की नदियो का उद्गम स्थल है जिसमे कई सहायक नदियां भी है जैसे बनास , बाणगंगा ,कालीसिंध,मेनाल ,लूणी, प्राचीनतम नदिया है जो आज भी कई लोगो के लिए जीवनदायनी है।
इसके भू-भाग में पूरा-पाषाण युग,उत्तर-पाषाणकाल, कांशयुगीन सिंधु सभ्यता की मानव बस्तियाँ , प्राचीनतम ताम्रयुगीन मानव संस्थाय एवम वैदिक सभ्यता खूब फलीफुलि तथा इसी के गर्भ में विलीन हो गयी है।
Rajasthan की स्तिथि , विस्तार, आकृतिया
भूमध्य रेखा के सापेक्ष राजस्थान उत्तरी गोलार्द्ध में स्तिथ है। तथा ग्रीनविच रेखा के सापेक्ष राजस्थान पुर्वी गोलार्द्ध में स्थित है। तथा दोनों के सापेक्ष उत्तरपूर्वी गोलार्द्ध में स्तिथ है। उत्तर-पश्चिम भारत में स्थिति। 2303’ उत्तरी अक्षांश से 30012’ उत्तरी अक्षांश एवं 69030’ पूर्वी देशांतर के मध्य।अक्षांश रेखाए- ग्लोब को 180 अक्षांशो में बांटा गया है। 00 से 900उत्तरी अक्षांश, उत्तरी गोलार्द्ध तथा 00से 900 दक्षिणी अक्षांश, दक्षिणी गोलार्द्ध कहलाते है। अक्षांश रेखाए ग्लोब पर खिचीं जाने वाली काल्पनिक रेखाएं है। जो ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खिचीं जाती है, ये जलवायु, तापमान व स्थान (दूरी) का ज्ञान कराती है।
दो अक्षांश रेखाओं के बीच में 111 किमी का अंतर होता है। Importent gk questions
देशान्तर रेखाएं : वे काल्पनिक रेखाएं जो ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण की ओर खिचीं जाती है। ये समय का ज्ञान कराती है। अत: इन्हें सामयिक रेखाएं कहते है।
00 देशान्तर रेखा को ग्रीनविच मीन Time ग्रीन विच मध्याहान रेखा कहते है। दो देशान्तर रेखाओं के बीच दूरी सभी जगह समान नहीं होती है, भूमध्य रेखा पर दो देशान्तर रेखाओं के बीच 111.3 किमी. का अन्तर होता है।
राजस्थान के देशान्तरीय विस्तार के कारण पूर्वी सीमा से पश्चिम सीमा में समय का 36 मिनिट (40 9 देशान्तर) का अंतर आता है अर्थात् धोलपुर में सूर्योदय के लगभग 36 मिनिट बाद जैसलमेर में सूर्योदय होता है।
कर्क रेखा (23 0 उत्तरी अक्षांश) राजस्थान के डूंगरपुर जिले के दक्षिण से तथा बांसवाड़ा जिले के लगभग मध्य से गुजरती है।
कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) में 21 जून का सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर लम्बवत पड़ती है।
गंगानगर में सूर्य की किरणें सर्वाधिक तिरछी व बांसवाड़ा में सूर्य की किरणें सर्वाधिक सीधी पड़ती है।
राजस्थान की सूर्य की किरणें लम्बवत केवल बांसवाड़ा में पड़ती है।
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